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आज कल फैशन हो गया है की कोई भी एरा गैर खुद को मानवाधिकारी साबित करने पर तुल जाता है | मानव क्या है ? मानव के अधिकार क्या होने चाहिए ? कुछ लोगों को लगता ही अपराधियों को बचा कर वे मानवता की बहुत बड़ी सेवा कर रहे हैं | लेकिन वे नहीं जानते या फिर जान बुझ कर अंजन बनना चाहते हैं, कि वे गलत कर रहे हैं | वे जानते हुए की उनका कहना गलत है, फिर भी कहे जाते हैं | क्यों की इससे वे मिडिया अटेंशन पते हैं, और कभी कभी मानवाधिकार के नाम पर धन भी पा जाते हैं |
अगर कोई सरकार किसी दुर्दांत अपराधी को आरोप साबित होने के बाद भी जिन्दा रखती है तो वह अपने नागरिकों के साथ छल कर रही है | कसाब और अफजल गुरु एवं राजीव गाँधी के हत्यारों को जिन्दा रख कर सरकार यह साबित कर रही है की उसमे ना तो राजनैतिक इच्छाशक्ति है, और ना ही वह अपने नागरिकों के प्रति संवेदनशील है | अभी अमेरिका में एक डेविस नाम के आदमी को २२ वर्ष पूर्व की गयी हत्याओं के लिए मौत की सजा दी गई | भारत में भी ऐसा ही होना चाहिए |
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