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भारत को अपने नेताओ से नैतिक आचरण की भी मांग करनी चाहिए. क्योकि नैतिकता के बल पर ही कोई देश महान बन सकता है. यह नैतिकता ही थी जिसकी बदोलत पूर्व काल में हमारा देश विश्व गुरु बन गया था.
आज देश को यदि सही मायने में भ्रष्टाचार से मुक्त करना है तो फिर हमें नैतिक होना पड़ेगा. यह नहीं है की सरकार आपको नैतिकता सिखाएगी. कभी भी नहीं सिखा सकती, क्योंकि उसको ही सिखने की जरुरत है.
मै एक उदाहरण प्रस्तुत कर रहा हु.
अमेरिका में जब कोई नेता प्रेसिडेंट का चुनाव हर जाता है तो वहां पर कहा जाता है की “इस व्यक्ति को जनता ने नकार दिया है.”
फिर आगे वह व्यक्ति दुबारा प्रेसिडेंट का चुनाव नहीं लड़ता.
लेकिन हमारे यहाँ जब तक वह जीवित हैं तब तक चुनाव लड़ते है.
क्या यही तरीका है ?
क्या इनको नैतिक नहीं होना चाहिए ?
अरे भाई जब तुमको जनता ने एक बार मना कर दिया तो फिर जा कर कोई दुकान वगैरा करो न. कहा यहाँ राजनीति करते फिर रहे हो ?
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